परिचय
सिंहस्थ महापर्व भारतीय संस्कृति और आस्था का महोत्सव है, जो धार्मिकता, अध्यात्म और मानवता के महत्व को उजागर करता है। यह महाकुंभ मेला मध्य प्रदेश के उज्जैन में हर 12 वर्षों में आयोजित होता है और लाखों श्रद्धालुओं को एकत्रित करता है।
इतिहास और महत्व
सिंहस्थ का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है। यह पर्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तब होता है, जब सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में आते हैं। इसी कारण इसे “सिंहस्थ” कहा जाता है। यह पर्व भगवान शिव और संत महात्माओं के आशीर्वाद को प्राप्त करने का महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।
आयोजन का स्थान
सिंहस्थ मेला मध्य प्रदेश के प्राचीन और पवित्र नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे पर आयोजित होता है। उज्जैन का पौराणिक महत्व और धार्मिक इतिहास इस मेले को और भी पावन बनाते हैं।
मुख्य आकर्षण
- स्नान: पवित्र क्षिप्रा नदी में स्नान को मोक्ष और आत्मशुद्धि का माध्यम माना जाता है। विभिन्न शुभ मुहूर्तों पर स्नान के लिए श्रद्धालु एकत्र होते हैं।
- धार्मिक प्रवचन: संत महात्माओं और धार्मिक गुरुओं द्वारा प्रवचन दिए जाते हैं, जो आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं।
- भजन और कीर्तन: हर ओर भक्तिभाव से भरे हुए भजन और कीर्तन होते हैं, जो भक्तों को दिव्यता का अनुभव कराते हैं।
यात्रा की जानकारी
इस महापर्व में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालु उज्जैन आते हैं। रेलवे, बस, और हवाई सेवा द्वारा उज्जैन पहुंचने की विशेष व्यवस्था की जाती है।